History of Thakur Dariyav Singh Lodhi || खागा के अमर सहीद ठाकुर दरियाव सिंह लोधी का इतिहास
जन्म भूमि है देवों की, यह राम कृष्ण रसखान की, माटी भी चन्दन जैसी है, मेरे हिन्द महान की। ठाकुर दरियाव सिंह लोधी का जन्म लोधी राजपूतों की सिंगरौर शाखा में जिला फतेपुर के खागा ग्राम में लगभग सन 1800 ई० में हुआ था। इनके पिता का नाम ठाकुर मर्दन सिंह लोधी सिंगरौर था। ये खागा के तालुकदार थे। ठाकुर दरियाव सिंह लोधी की आयु सन 1857 की क्रांति के समय लगभग 57 वर्ष थी। उनका व्यक्तित्व आकर्षक नेत्र लाल डोरों से युक्त किन्तु बड़े-बड़े थे, ओजपूर्ण मुखमण्डल, विशाल वक्षस्थल, ऊंचा कद, शिर पर जटाजूट व मुख पर दाढ़ी, गले में रुद्राक्ष की माला, दाहिनी ओर लटकती हुई तलवार, शरीर पर कीमती शुभ्र दुशाला, उनके पराक्रमी एवम् धर्मप्रिय होने के साक्षी थे। ठा० दरियाव सिंह लोधी की गढ़ी दुर्गम प्रदेश में दुर्लध्य वनों से आच्छादित थी। वह स्थान जहाँ उनकी गढ़ी थी वो गढ़वा नाम से विख्यात था। उनकी गढ़ी की दीवारों पर सदैव गोलों से भरी तोपें लगी रहती थी। उनकी सेना में लोधी क्षत्रिय सेनिको के साथ अन्य क्षत्रिय सेनिक व् अन्य जाती के सेनिक भी थे किन्तु लोधी क्षत्रियों की संख्या अधिक थी। उनके पास एक हथिनी भी थी जो सवारी औ
जय लोधी राजपूताना
ReplyDeleteराजपूत किंग ऑफ लोधी
ReplyDeleteBirigad raja Veer Singh or Heer Singh lodhi rajput the sunkar achha lga
ReplyDeletePar ye jaankari aapko kha se mili
Kuki inka beta Paras ak mhaan yodhaa tha jise aalahaa udal ke bete bathize indal ne chhal se maara tha
Very informative picture but we have up in wiki pedia page
ReplyDeleteलोधा राजपूत from Jaipur chaksu
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